अल्लामा इब्ने कसीर अपनी तारीख में लिखते हैं कि हज़रते सय्यिदुना शैख अब्दुल क़ादिर जीलानी रदिअल्लाहु त्आला अन्हु खुलफ़ा, वुज़रा, सलातीन और अवाम व ख्वास सबको नेकी का हुक्म देते और बुराइयों से मना फरमाते और बड़ी साफ गोयी और जुर्रत के साथ इनको भरे मजमे में और बर सरे मिम्बर अलल ऐलान टोक देते थे और अल्लाह त्आला के मामले में किसी मलामत करने वाले की आपको परवा ना होती थी, इन्तिहायी बे बाक और हक़ गो थे।
(انظر: قلائد الجواہر، ص8، طبع بمطبعۃ عبد الحمید احمد حنفی بمصر)
अ़ब्दे मुस्तफ़ा
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