किसी से दोस्ती करना उस से रिश्ता क़ाइम करने के बराबर है लिहाज़ा हमें चाहिये कि सुन्नी सहीहुल अक़ीदा से दोस्ती करें।
हमारे नबी ﷺ ने इरशाद फरमाया कि इंसान अपने दोस्त के दीन पर होता है, तो तुम में से हर एक को देख लेना चाहिये कि वो किस से दोस्ती कर रहा है।
(سنن ابی داؤد، باب من یؤمر عن یجالس، ج4، ص407 بہ حوالہ آداب الصحبة و حسن العشرۃ، اردو، ص17)
किसी को अपना दोस्त बनाने से पहले अच्छी तरह मालूम कर लीजिये कि उस का दीन क्या है और अक़ीदा क्या है वरना आप को अपनी गलती की क़ीमत अपना दीन दे कर चुकानी पड़ सकती है।
अ़ब्दे मुस्तफ़ा
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