तीन दुआयें


बनी इसराईल के एक शख्स को हुक्म हुआ के तेरी तीन दुआयें क़ुबूल होंगी। (लिहाज़ा माँग क्या माँगता है।)

उस ने अपनी बीवी के लिये दुआ की कि वो सब से खूबसूरत औरत बन जाये। उस की बीवी बनी इसराईल की खूबसूरत तरीन औरत बन गयी मगर खूबसूरती के गुरूर में अपने शौहर की नाफ़रमान हो गयी।

उस शख्स ने तंग आकर अपनी दुआ के ज़रिये उसे कुतिया बना दिया।

उस के बेटों ने माँ की ये हालत देख कर बाप से सिफारिश की तो उस ने दुआ की : इलाही इसे पहले वाली शक्ल व सूरत अता कर दे। ये आखिरी दुआ क़ुबूल हुई और वो पहले जैसी हो गयी।


(تفسیر بغوی، ج2، ص180 بہ حوالہ آدابِ دعا) 


इस में हमारे लिये सबक़ है कि दुआ सोच समझ कर करनी चाहिये। दुआ के वक़्त अच्छे लफ्ज़ों का इंतिखाब करना चाहिये।

फुज़ूल चीज़ों का सवाल करने से बचना चाहिये।


अब्दे मुस्तफ़ा

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