जन्नती हूर के बारे में भी सोचें


हज़रते जुन्नून मिस्री रहमतुल्लाही त'आला अलैह एक जवान लड़के को कुछ लिखवा रहे थे कि एक हुस्नो जमाल की मलिका सामने से गुज़री, वो जवान लड़का नज़रें चुरा चुरा कर उस लड़की की तरफ़ देखने लगा।

हज़रते जुन्नून मिस्री ने देख लिया और उस लड़के की गर्दन फेर कर ये शेर कहा :


دع المصوغات من ماء وطین

واشغل ھواک بحور خرد عین


"पानी और मिट्टी से बनी औरतों को छोड़ और अपने इश्क़ और ख्वाहिश को उस हूर का मतवाला बना जो कुँवारी है और मोटी आँखों वाली है।"


(ذم الھوی لابن جوزی)


प्यार प्यार का जाप जपने वालों को कभी जन्नती हूरों के बारे में भी सोचना चाहिये जो इस दुनिया की औरतों की तरह नहीं कि आप को धोका दे, आप को परेशान करे या आप से आप के माल की वजह से मुहब्बत करे।

इस चार दिन की ज़िन्दगी में प्यार मुहब्बत के इलावा और भी बहुत से काम हैं जिन्हें कर के आप अपनी दाईमी दुनिया यानी आखिरत को सँवार सकते हैं वरना ये "दो दिन वाला प्यार" आप को दाईमी मुसीबत में डाल देगा।


अब्दे मुस्तफ़ा

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