सहाबा -ए- किराम रदिअल्लाहो त'आला अन्हुम ने हुज़ूर ﷺ की मुहब्बत में जो कारनामे अंजाम दिए है उन को आइना बना कर देखा जाये तो हम भी अपने क़िरदार को आसानी से संवार सकते है।
सहाबा-ए-किराम की ज़िंदगीयो का मुता'अला किया जाये तो मालूम होता है के उन्हें अपने नबी ﷺ से निस्बत रखने वाली हर शै से मुहब्बत थी।
हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने मस'उद रदिअल्लाहो त'आला अन्हु नबी -ए- करीम ﷺ के नालैन को अपने पास रखा करते थे जब नबी -ए- करीम ﷺ मजलिस बर्खास्त फरमाते तो आप हुज़ूर ﷺ को नालैन पहनाया करते थे और जब उतारते तो आप नालैन को झाड़ कर अपनी आस्तीन में रख लिया करते थे और ता कियाम -ए- सानी अपने पास ही रखते।
(ملخصاً: جواہر البحار فی فضائل النبی المختار، ج1، ص41، 42، ط ضیاء القرآن پبلی کیشنز لاہور، س2013)
अ़ब्दे मुस्तफ़ा
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