सहाबा को बुरा मत कहिये

इमाम बुखारी अलैहिर्रहमा (मुतवफ्फ़ा 256 हिजरी) फ़रमाते हैं कि मै ने एक हज़ार (1000) से ज़्यादा अहले इल्म से मुलाक़ात का शर्फ हासिल किया जिन में हिजाज़ -ए- मुक़द्दस, मक्का, मदीना शरीफ, कूफ़ा, बसरा, वासित, बगदाद, शाम, मिस्र और जज़ीरा के बुज़ुर्ग भी हैं, और इन से सिर्फ एक बार ही नहीं 46 साल से ज़ायिद अर्सा में कई मर्तबा मुलाकात का शर्फ हासिल हुआ मगर मै ने इनमें से कोई एक बुज़ुर्ग भी ऐसे नहीं देखे जो सहाबा -ए- किराम की बुराई करते हों।

(ملتقطاً: شرح اصول اعتقاد اہل السنۃ والجماعۃ،ج1، 164، رقم320، ط مکتب دار البصیرۃ مصر-
و من ھو معاویہ، ص16)

अ़ब्दे मुस्तफ़ा

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