इमाम रबी बिन नाफे हलबी (मुतवफ्फा 241 हिजरी) फरमाते हैं कि हज़रत अमीर -ए- मुआविया रदीअल्लाहु त्आला अन्हु रसूले करीम ﷺ के सहाबा का पर्दा है, जब कोई शख्स पर्दा उठाता है तो जो कुछ उसके पीछे है उस पर भी जुर्रत करता है यानी जो हज़रत अमीरे मुआविया रदिअल्लाहु त्आला अन्हु पर तान करता है एक वक़्त ऐसा आता है कि वो दीगर सहाबा पर भी ज़ुबान दराज़ करता है।
(البدایہ والنھایہ، ج8، ص148-
تاریخ بغداد، ج1، ص577-
تاریخ دمشق، ج59، ص209 بہ حوالہ من ھو معاویہ مصنفہ علامہ لقمان شاہد)
अ़ब्दे मुस्तफ़ा
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