नबीये करीम ﷺ की हर अदा प्यारी है जिन में से ये 8 भी है :-
(1) जब भी कोई आप ﷺ को पुकारता तो आप ﷺ "लब्बैक" कह कर जवाब देते।
(الشفاء، 121/1)
(2) अगर कोई शख़्स आप ﷺ के कान में सरगोशी करता तो जब तक उसकी बात मुक़म्मल न हो जाती आप ﷺ अपना सर मुबारक उससे दूर न फरमाते।
(ایضاً)
(3) आप ﷺ मजलिस में कभी पाँव फैला कर न बैठते।
(ایضاً)
(4) जब कोई मुलाकात के लिए आता तो बाज़ अवक़ात उसके लिए आप ﷺ अपनी चादर बिछा देते बल्कि अपनी मसनद भी पेश कर दिया करते।
(ایضاً، 122/1)
(5) आप ﷺ सहाबा -ए- किराम को उन की कुन्नियत और पसन्दीदा नामो से पुकारते।
(ایضاً)
(6) आप ﷺ बड़ी वक़ार के साथ इस तरह ठहर ठहर कर गुफ़्तगू फरमाते के अगर कोई आप ﷺ जुमलो को गिनना चाहता तो गिन सकता था।
(ایضاً، 139/1)
(7) आप ﷺ रफ्तार के साथ झुक कर यूँ चला करते थे गोया बुलंदी से उतर रहे है, हज़रत अबु हुरैरा कहते है के हम रसूलुल्लाह ﷺ के साथ चलने में हाँफने लगते थे।
(شمائل ترمذی، ص86)
(8) आप ﷺ खुशबू का तोहफा वापस नही फरमाते बल्कि फरमाते के खुशबू का तोहफा रद मत करो क्योंकि ये जन्नत से निकली है।
(ایضاً، ص130)
अब्दे मुस्तफ़ा
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