खायें लेकिन शोर ना मचायें

आज मैने बिरयानी खायी, आज मेरे घर में गाजर का हलवा बना था, आज हम ने फुलाँ सब्ज़ी खायी और फुलाँ फुलाँ फ़ल खाये........,
ऐसा कुछ भी कहने से पहले देख लीजिये कि आपके आस पास किस तरह के लोग मौजूद हैं।
कहीं ऐसा ना हो कि उन में से किसी ने कई दिनों से अच्छा खाना ना खाया हो और आप की बातें सुनकर उसे तकलीफ़ महसूस हो।

हमारे प्यारे नबी ﷺ ने इरशाद फरमाया : तुम अपनी हांडी (में पकने वाले खाने) की बू से अपने पड़ोसियों को तकलीफ मत पहुँचाओ।

(ملتقطاً: کنز العمال فی سنن الاقوال والافعال، اردو، ج9، ص42، ر24897) 

इस हदीस को सामने रखकर ये भी कहा जा सकता है कि खाने की तसवीर (फोटो) खींच कर फेसबुक पर अपलोड करना या किसी दूसरे ज़रिये से अपने दोस्तों या किसी और को भेजना भी दूरुस्त नहीं है।
आप खायें लेकिन शोर ना मचायें।

अ़ब्दे मुस्तफ़ा

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