मोटीवेशन (Motivation) और इंस्पिरेशन (Inspiration) कहाँ है?

किसी को देख कर कुछ कर दिखाने का हौसला पैदा करना, चंद जुमलों (Sentences) से बड़ा सबक़ हासिल कर लेना, कामयाब लोगों (Successful Peoples) को देख कर मुतासिर हो जाना और फिर अपने आप पर भरोसा कर के अपनी क़ाबिलियत को बाहर लाना, यही है मोटिवेशन (Motivation) और इंस्पिरेशन (Inspiration) की दुनिया जहाँ पहुँचने के बाद इन्सान के अन्दर एक अजीब इन्क़िलाब बपा होता है।

हम मोटिवेट (Motivate) होने के लिये, खुद को तरगीब देने के लिये, इंस्पायर (मुतासिर) होने के लिये और अपने अन्दर जिद्दो जहद का जज़्बा पैदा करने के लिये कहाँ जायें?
क्या मोटिवेशनल बयान देने वाले (Motivational Speakers) को सुनें जैसा कि करोडों नौजवान सुनते हैं या कुछ और करें?

मुस्लिम नौजवानों को हम बताना पसंद करेंगे कि उन को मोटिवेशन और इंस्पिरेशन के लिये कहीं जाने या किसी को सुनने की ज़रूरत नहीं है बल्कि अपने दीन को पढ़ने और समझने की ज़रूरत है, इसी में मोटिवेशन और इंस्पिरेशन की एक ऐसी दुनिया है जो शायद आप को कहीं और देखने को ना मिले। हमारी ये बात आप को थोड़ी अजीब लग सकती है कि दीन में मोटिवेशन और इंस्पिरेशन कहाँ से आ गया तो हम आप को इस की एक झलक दिखा ही देते हैं।

एक शख्स को आज पूरी दुनिया इमाम -ए- आज़म के नाम से याद करती है और करोड़ों लोग उन की तक़्लीद करते हैं, क्या ये बात आप को इंस्पायर नहीं करती?

सिर्फ 17 साल की उम्र में इमाम मालिक हदीस का दर्स देते थे, क्या ये बात आप को मोटिवेट (Motivate) नहीं करती?

इमाम इब्ने जौज़ी ने ज़माना -ए- तालिबे इल्मी (Student Life) में 20,000 किताबें पढ़ीं। मदरसे की पूरी लाइब्रेरी की 6,000 किताबें पढ़ डाली, फिर बगदाद के कुतुब खानों (Libraries) की तमाम किताबों का मुताला कर लिया, क्या ये सुन कर आप को इंस्पिरेशन नहीं मिलती?

मुहद्दिस -ए- आज़म पाकिस्तान बिजली ना होने की वजह से रात को 12-1 बजे तक (Municipal Committee) के लेम्प के नीचे खड़े हो कर अपना सबक़ याद करते थे, क्या इस से इंस्पिरेशन नहीं मिलती?

इमाम अबू यूसुफ के बेटे का इन्तिक़ाल हो गया, एक तरफ जनाज़ा है दूसरी तरफ इल्मे दीन पढ़ने के लिये उस्ताद के पास जाना है, ऐसे में हम क्या करते लेकिन इमाम अबु यूसुफ ने एक शख्स को बेटे को दफन करने की ज़िम्मेदारी दी और इल्म सिखने के लिए चले गए! ये सुन कर भी आप मोटीवेट नहीं हुए?

अपने दीन को पढ़ें, किसी ने बचपन मे मुकम्मल क़ुरआन हिफ़्ज़ कर लिया, 
किसी ने 12 साल की उम्र में फतवा जारी किया, 
किसी ने 1000 किताबें लिख डाली,
किसी ने घर बेच कर किताबें खरीद ली,
किसी ने सालो क़ैद रहना गवारा किया लेकिन हक का साथ ना छोड़ा,
सैकड़ो ने लाखो को शिकस्त दे दी....,

और भी बहुत कुछ है जो आप को ऐसा इंस्पायर करेगा के ज़िन्दगी भर किसी ग़ैर से मोटिवेशन और इंस्पिरेशन नही लेनी पड़ेगी बस अपने दीन को पढ़ कर देखें। 

अब्दे मुस्तफ़ा

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