उम्मुल मुमिनीन, सय्यदा आईशा सिद्दिका रदीअल्लाहु त्आला अन्हा फ़रमाती हैं के रसूलुल्लाह ﷺ के (दुनिया से तशरिफ़ ले जाने के) बाद जो बिद्अत सबसे पहले ज़ाहिर हुइ वो शिकम सैरि (पेट भर कर खाना) है।
(احیاء علوم الدین، ربع المہلکات، کتاب کسر الشہوتین، الفائدة الخامسة، ص1010، ط دارالکتاب العربی بیروت، س1429ھ)
वहाबियों को चाहिए के मिलाद शरीफ़ ओर दिगर मामुलाते अह्ले सुन्नत पर बिद्अत बिद्अत के फ़तवे लगाने के बजाऐ शिकम सैरि जैसी हकीकी बिद्अत के ख़िलफ़ आवाज़ उठाए!
और ख़ुद भी कम खाने कि सुन्नत पर अमल करे ताकि आपके दिमागों को कुछ हवा लगे ,सोचने समझने कि सलाहियत बेदार हो और उम्मत पर ज़ालिमाना फ़त्वे दाग़्ने से बाज़ आ जाए।
अल्लामा लुक्मान शाहिद साहब किब्ला
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