मायके से पढ़ाई, नतीजे में तलाक़

सोशल मीडिया पर ये जुमला काफी देखने को मिलता है कि जो लड़कियाँ शादी के बाद मायके से पढ़ाई करती हैं उनको नतीजे (रिज़ल्ट) में तलाक़ की डिग्री मिलती है, 
ये बात सही है कि अगर एक लड़की शादी के बाद अपने ससुराल में अपने शौहर और अपने ससुराल वाले जो कि उसके घर वाले हैं, उनके मुताबिक़ खुद को ढाल कर चलने के बजाए अपने मायके वालों से पढ़ेगी यानी वो जो कहेंगे उसे अपने लिए हर्फे आखिर समझेगी और ससुराल वालों से मुखालिफ़त करेगी और उन्हें दुश्मन जानेगी तो फिर मसाइल ही मसाइल होंगे।

यहाँ होता ये है कि लड़की के मायके वाले उन हालात और उन तमाम बातों को नहीं जानते जो ससुराल में होती हैं या मियाँ बीवी के दरमियान की होती हैं अगरचे उन्हें काफी तफसील से बता भी दिया जाए फिर भी वो तस्वीर का एक रुख भी सही से देख नहीं पाते और ऐसे मशवरे देते हैं जो मजीद मसाइल को बढ़ा देते हैं, हमारे पास इस तरह के मसाइल पर लिखने के लिए गुज़ारिशात आती रहती हैं और कई मुआमलात हमारी आँखों के सामने हैं जिन्हें हमने क़रीब से देखा है जहाँ मियाँ बीवी को मिल कर अपना घर संभालना चाहिए था वहा किसी तीसरे का दखल मुआमला बिगाड़ देता है
मियाँ बीवी के दरमियान ना इत्तिफाक़ी बढ़ाने और इन में जुदाई डालने वालों पर हदीस में लानत आई है और यहाँ यही हो रहा होता है लिहाज़ा मायके वालों को खूब ग़ौर करना चाहिए कि वो कहीं इस लानत के मुस्तहिक़ तो नहीं हो रहे?

औरतों को चाहिए कि इताअ़त करें और मुखालिफ़त करने को अपना मशग़ला ना बनाएँ, शिकवे शिकायतों को हमेशा ज़ुबान पर रखने से परहेज़ करें,
सब्र और तहम्मुल के साथ अपने शौहर के लिए सुकून का बाइस बनें वरना आपकी नाशुक्री आपके पास मौजूद नेमतों के ज़वाल का सबब बन सकती है।

अ़ब्दे मुस्तफा़

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