कनीज़े मिल्लत और इंस्टाग्राम की कहानी
एक ट्रेंड लड़कियों में ये चल रहा है कि इंस्टाग्राम पर एक ऐसे नाम से आई डी बनाती हैं जिनसे उनके पीर की निसबत ज़ाहिर होती है मस्लन कनीज़ फुलाँ, फुलाँ की शेरनी और फुलाँ की शहज़ादी वग़ैरह।
आगे बढ़ने से पहले हम एक और हक़ीक़त आपको बताना चाहेंगे कि लड़कियों के जितने मुआमलात अभी सामने आ रहे हैं उनमें सबसे ज़्यादा इंस्टाग्राम से ताल्लुक़ रखते हैं, फेसबुक, वाट्स एप और दूसरे प्लेटफ़ार्मज़ को इंस्टाग्राम ने इन मुआमलात में पीछे छोड़ रखा है।
ऐसी लड़कियों के सरों पर दीन की तब्लीग़ का ऐसा भूत सवार है कि नफ़ा और नुक़्सान का फ़र्क़ भी समझ नहीं आता, उन्हें लगता है कि ये दीन का काम कर रही हैं लेकिन नताइज बता रहे हैं कि शिकार करने गए थे और ख़ुद शिकार हो बैठे वाले हालात हैं।
लड़कियों की तालीम का सिलसिला ऐसे ही काफ़ी ग़लत चल निकला है, ऊपर से ये मोबाइल और ऐसे प्लेटफ़ार्मज़ उन्हें अपने बुनियादी मक़ासिद से दूर करते जा रहे हैं, एक लड़की को चाहिए कि पहले वो काम सीखे जो उसे आगे ज़िंदगी भर करना है, अगर इन करने वाले कामों को आज नज़र अंदाज़ करेगी तो कल उस शख़्स के लिए मसाइल पैदा करेगी जो इस का शौहर बनेगा और उसे ख़ानगी फ़िक्र से आज़ाद ना कर सकेगी जो कि एक औरत का मक़सद होना चाहिए।
काम वो करें जो आपकी तर्जीहात में से हैं, जिन्हें आपने पहले करना है, ग़ैर ज़रूरी या बाद की चीज़ों को पहले ला कर असल और तर्जीहात को तर्क करना निज़ाम को बिगाड़ कर रखता है, ये बहुत ग़ौर करने वाली बातें हैं उनके लिए जो इल्म और फ़हम वाले हैं
अब्दे मुस्तफ़ा
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