आप ही फैसला करें
मीलादे मुस्तफ़ा ﷺ के ताल्लुक़ से इस हकीक़त का इन्कार नहीं किया जा सकता कि उम्मते मुस्लिमा एक लम्बे अ़रसे से ह़जू़र अलैहिस्सलाम का मीलाद मना रही है और इस पर आज भी लाखों करोड़ों मुसलमानों का अ़मल है, सैकड़ों साल पहले के फ़ुक़हा और मुहद्दिसीन ने इस पर किताबें तक लिखी और अहले सुन्नत व जमा'अत में इस पर किसी को इख़्तेलाफ़ नहीं था, लेकिन फिर एक गिरोह आया और इसे बिद्द'अत, हराम और ग़ुमराही कहने लगा! इस पर अ़मल करने वाले दुनिया भर के मुसलमानों को बिद्द'अती और ग़ुमराह कहा गया! अब हम आप पर ही फैसला छोड़ते हैं कि बताएं उम्मत में फितना किसने पैदा किया?
अहले इंसाफ़ इस बात का एतिराफ़ ज़रूर करेंगे कि मीलादे मुस्तफ़ा ﷺ को बिद्द'अत और गुमराही बताने वाले इस उम्मत में फितना फ़साद फैलाने वाले हैं और ख़ुद गुमराह हो चुके हैं। ये गिने चुने लोग जिन्हें आए अभी हफ्ता-हफ्ता आठ दिन नहीं हुए, पूरी उम्मते मुस्लिमा को न सिर्फ़ गुमराह बता रहे हैं बल्कि उनकी अपने नबी ﷺ के साथ मोहब्बत को गाली दे रहे हैं और दुनिया भर में बसने वाले मुसलमानों को तकलीफ़ पहुंचा रहे हैं, उनका दिल दुखा रहे हैं और अपनी हटधर्मी को हक़ का नाम दे रहे हैं।
अल्लाह ता'आला से हम आफ़ियत तलब करते हैं और ऐसे फ़ित्नों से उसकी पनाह चाहते हैं।
अ़ब्दे मुस्तफ़ा
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